नमस्कार दोस्तो मैं सनी साहू… मैं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से हूँ. अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पर ये मेरी पहली रियल सेक्सी कहानी है. आज अपनी आपबीती सुना रहा हूँ, जो बिल्कुल सच्ची है, जो मेरे साथ हुआ था.
मैंने जब से होश संभाला, तब से मैं अन्तर्वासना का पाठक हूँ. अभी मैं 26 साल का हूँ. मेरी शरीर जिम जाने के कारण गठीला है. मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच और मोटाई 3 इंच है.
ये बात आज से 7-8 साल पहले की है, जब मैं 12वीं का एग्जाम देकर पी.ई.टी के एग्जाम की तैयारी कर रहा था.
कोचिंग क्लास को स्टार्ट हुए 2-3 दिन ही हुए होंगे. उधर सभी नए नए चेहरे दिख रहे थे. क्लास में मेरा एक दोस्त था रवि, जो बिलासपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर का था. उसका गाँव दूर था तो रोज आना जाना सम्भव नहीं था इसलिए वो यहीं एक रूम किराए से लेकर रहता था.
वो मेरे ही साथ 12वीं का एग्जाम देकर घर जाने की सोच रहा था. वो एग्जाम के बाद कुछ दिन यहीं रुक गया था क्योंकि उसकी भी बहन पी.ई.टी का क्रेश कोर्स के लिए आने वाली थी.
फिर वो दिन आ गया. सुबह सुबह का समय था. रवि की बहन का नाम गुंजन था (बदला हुआ नाम) वो अपने गर्ल्स हॉस्टल से आ रही थी.
मैंने उसको दूर से ही देखा और फ्लैट हो गया. क्या बताऊं यारों क्या मस्त माल थी. एकदम गोरी दूध सी.
वो पास आकर मुझसे मिली, मेरे दोस्त ने मेरा परिचय कराया. वो मुझे पहले से जानती थी क्योंकि जब भी रवि घर जाता और मैं रवि को कॉल करता तो वो मोबाइल घर में ही भूल कर चला जाता था. उस वक्त उसका मोबाइल गुंजन ही रिसीव करती थी. वो कहती कि भैया बाहर चले गए हैं, आपको कुछ काम हो तो बता दो.
इस तरह मैंने उसे सुना तो था, पर कभी देखा नहीं था. गुंजन दिखने में बहुत खूबसूरत थी, बिल्कुल स्लिम फिगर 32-28-34 के लगभग होगी. मैं तो उसे देखता ही रह गया.
उसके बाद हमारी क्लास स्टार्ट हुई और क्लास के बाद फिर हम मिले, तब बहुत अधिक बात तो नहीं हुई. मैं अपने घर आ गया.
कुछ देर बाद रवि का कॉल आया. रवि ने बोला कि आज शाम को कहीं घूमने चलते हैं, गुंजन को भी ले चलते हैं. वो रूम में बोर हो रही है.
मुझे और क्या चहिये था. गुंजन के पास आने और उसे जानने का इतना बढ़िया मौका हाथ आ रहा था. मैं झट से राजी हो गया.
फिर हम लोग शाम को मिले. तब यहां मेला लगा हुआ था. हम मेला गए और खूब मस्ती की. बाद में मैं अपने घर आ गया. आज गुंजन से काफी बात हुई.
मेरा अब भी उससे बात करने को बहुत मन कर रहा था मगर मेरे पास उसका नंबर नहीं था.
अगले दिन रवि घर जाने वाला था. उसके बाद रवि ने मुझे बोला कि इसका ख्याल रखना और कोई प्रॉब्लम मत होने देना.
रवि अपने गांव चला गया.
अब मैं सोचने लगा कि गुंजन से नंबर कैसे लूँ. तभी उसने खुद ही मुझसे नंबर माँगा और बोला कि मुझे कुछ काम होगा तो कॉल करूँगी.
उसके बाद मैं भी घर के लिए निकल गया और जब घर पहुँचा तो देखा किसी का मिस कॉल पड़ा था. मैंने कॉलबैक किया, दूसरे तरफ से प्यारी सी आवाज आई- मैं गुंजन.. ये मेरा नंबर है, इसे सेव कर लो.
लगभग 10-15 मिनट बात करने के बाद मैं फ्रेश होने चला गया. उससे बात करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
फिर कुछ देर बाद मैंने खुद कॉल किया और इधर उधर की बातें करने लगा. घर की बात और कुछ उनकी बात. समय का पता ही नहीं चला कि कब रात हो गई. तो मैंने खाना खाने को बोल कर फ़ोन रख दिया. हालांकि मेरा मन तो नहीं था, मगर क्या करता.
मैंने खाना खा कर फिर उसे कॉल किया. अब फिर बात चालू हुई तो पता ही नहीं चला कि कब सुबह हो गई. दो दिन ऐसे ही बात हुई और तीसरे दिन मैंने उसे हिम्मत करके प्रपोज कर दिया.
पहले उसने कुछ जवाब नहीं दिया मगर कुछ देर बाद हां बोल दी.
अब हम रोज रात रात भर बात करते और सुबह क्लास के बाद दोनों साथ नाश्ता करने किसी होटल या रेस्टोरेन्ट में जाते. हमें बात करते 6-7 दिन हो गए थे. अब हमने खुल कर बात करने लगे.
तब तक मैंने सेक्स के बारे में बस अन्तर्वासना पर पढ़ा था और ब्लू फिल्म में चुदाई को देखा था
उस दिन हम दोनों रात में बात कर रहे थे. बात करते करते मैंने उससे कहा कि मुझे तुमको जोर से किस करने को मन कर रहा है.
वो शर्मा गई.
मैंने फ़ोन में ही बहुत कुछ बोला और उस दिन मुठ मार कर सो गया.
अगले दिन हम क्लास में मिले वो बहुत शर्मा रही थी. क्लास के बाद नाश्ता करने गए तो वो मुझसे नजरें चुरा रही थी. मैंने देखा रेस्टोरेंट खाली था, तो धीरे से उसके गाल में किस कर दिया. मुझे डर भी लग रहा था कि कोई देख न ले.
वो शर्मा गई और जाने लगी.
मैंने उससे बोला- कहीं चलें.. जहां कोई न हो?
तो वो मना करके रूम पर चली गई.
मैंने उसे कॉल किया और बोला- सॉरी अगर बुरा लगा तो.
वो बोली- बुरा नहीं लगा यार… बस डर लग रहा था, कोई देख न ले.
फिर मैंने उससे बोला- बहुत मन कर रहा किस करने को.
वो बोली- रोक कौन रहा है.. कर लो.
फिर मैं बोला- तेरी आँखों में किस करना है.. गाल में किस.. होंठ में लम्बी सी किस्सी और फिर गले में किस..
इससे आगे मैं कुछ बोलता, तो उसने रोक दिया और बोली- अब तो मिलना ही पड़ेगा.
मैं समझ गया कि आग दोनों तरफ लगी है.
मैंने दूसरे दोस्त को रूम के लिए बोला और बहुत खोजने के बाद होटल में एक रूम मिला. मुझे डर लग रहा था कि पहली बार है, कहीं कुछ हो न जाए. मैं अगले दिन का वेट करने लगा और सुबह हुई तो मैंने जल्दी से रेडी होकर गुंजन को कॉल किया.
वो भी तैयार थी.
फिर मैंने दोस्त को कॉल किया, वो आया और हमें होटल के बाहर तक छोड़ कर चला गया. हम लोग रूम में गए, मैंने रूम लॉक किया और बेड पर आकर बैठ गया.
वो शर्मा रही थी और मैं भी कि स्टार्ट कौन करे. मेरी तो हिम्मत ही नहीं हो रही थी.
फिर मैं उसके पास गया और उसके गाल में किस किया, वो हंसने लगी. मैं और पास गया और उसको गले लगा लिया. मेरे होंठ और उसके होंठ कब मिल गए पता ही नहीं चला. उसकी साँसें तेज़ होने लगीं. मैं उसके एकदम कोमल कोमल होंठ पर किस करता जा रहा था. करीब दस मिनट तक किस करने के बाद हम दोनों अलग हुए. उसके बाद मैंने गुंजन के गाल, आंख, सर में बहुत सारे किस किए और उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसके चूचों पर किस किया. वो एकदम से सिहर उठी. फिर मैंने उसके पेट में भी चूमा.
अब वो और गरम हो गई. फिर मैंने उसका टॉप निकाला तो वो शर्मा रही थी और अपने स्तनों को हाथ से छुपा रही थी. टॉप उतरने के बाद वो तो और खूबसूरत दिखने लगी. वो लाल कलर की ब्रा में थी और ज्यादा खूबसूरत माल लग रही थी.
अब मैं उसके पास गया और फिर से किस करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. मैंने धीरे से अपना हाथ उसके एक स्तन पे लेकर गया.. आह.. मैं क्या महसूस कर रहा था.. नहीं बता सकता दोस्तो… एकदम मुलायम सा बहुत ही कोमल सा अहसास था उसके निप्पलों का. उसको छूते ही उसकी साँसें और तेज़ हो गईं.
मैंने उसकी ब्रा को अलग कर दिया. अब वो टॉपलेस हो गई थी. उसके गुलाबी गुलाबी निप्पलों को देख कर ही मुँह में पानी आ गया. मैं तुरंत ही उसके किशमिशी निप्पलों को जोर जोर से चूसने लगा और किस करने लगा. वो मेरी शर्ट को निकालने लगी. जल्द ही मैं भी बस अंडरवियर में आ गया था.
मैं उसकी जीन्स निकालने लगा और अब वो बस पेंटी में थी. उसके शरीर से जितने कपड़े कम होते जा रहे थे, वो उतना ही और सेक्सी लगती जा रही थी.
गुंजन का दूध सा गोरा बदन.. अँधेरे कमरे में अलग सा चमक रहा था.
अब मैं उसको गले से लगा कर किस करने लगा. किस करते करते नीचे की ओर बढ़ने लगा. होंठ के बाद गले में, गले के बाद गुलाबी निप्पल में चूमने लगा. उसके दोनों निप्पलों को देख कर ऐसा मन कर रहा था कि किस करता ही रहूँ, अब पेट में चुम्बन किया और उसकी नाभि में अपनी जीभ से खेलने लगा. उसके बाद उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चुत की कामुकता भरी खुशबू लेने लगा.
यह महक मुझे पागल कर रही थी. मैंने पेंटी के ऊपर से थी उसकी चूत को बहुत चूसा और उसकी पेंटी गीली कर दी.
अब मैं उसकी जांघ को किस करने लगा और वो मुझे अपने तरफ खींचने लगी. मैंने अपने अंडरवियर से अपना लंड निकाला. वो मेरा लंड देख कर डर गई और बोली- अहह.. इतना मोटा और इतना लम्बा.. कैसे जाएगा?
मैंने उसे समझाया कि थोड़ा बहुत दर्द होगा, ज्यादा कुछ नहीं होगा.
यह कह कर मैंने उसकी पेंटी भी उसकी जांघों से अलग कर दी. उसकी अनचुदी गुलाबी चुत देख कर मेरे मुँह में पानी आने लगा. मैं पागलों की तरह टूट पड़ा और उसे चूसे जा रहा था. वो मेरे सर को अपनी के ऊपर दबाते हुए अन्दर की ओर दबा रही थी.
मुझे बहुत ही मजा आ रहा था. मैं अपनी जीभ से उसकी फुल्ली से खेलने लगा और उसकी कामुकता भरी आवाज से रूम गूंजने लगा.
वो बोलने लगी- अह.. औरर रर.. ज़ोरर से.. आह.. प्लीज औरर.. जोर से..
फिर मैंने उसके छेद में अपने जीभ को रखा और जोर जोर से चूसने लगा. उसकी मादकता भरी आवाज को सुनकर मैं और जोश में आ गया.
अब वो मुझसे बोलने लगी- जल्दी कुछ करो.. बहुत मन कर रहा है.
मैंने उसके होंठों को जोर से किस किया. अब उसका शरीर बहुत गरम हो गया था. मैं उसके निप्पलों को अपने दांत से काटने लगा तो वो और जोर से चिल्लाने लगी.
फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत में हल्के हल्के छुआने लगा.
वो एकदम से सिहर गई और बोलने लगी- जल्दी प्लीज जल्दी.
मैंने अपने लंड को उसकी चूत में रखा और हल्का सा धक्का मारा, तो मेरा लंड फिसल गया. सील न टूटने के कारण चूत बहुत टाइट थी. मैंने चूत में थोड़ा सा थूक लगा कर अपने लंड को अन्दर डाला.. तो वो जोर से चिल्ला उठी. मैं डर गया कि कहीं आवाज बाहर न चली जाए. मैंने तुरंत उसे किस करके उसके होंठों को दबा लिया.
अभी मेरा लंड थोड़ा ही अन्दर गया था कि उसके आंसू निकलने लगे. मैं वैसा ही कुछ पल रूका रहा और किस करता रहा. फिर वो खुद गांड उठाते हुए बोली- अब करो.
मैंने अपना लंड और अन्दर डाला, उसे फिर दर्द हुआ और वो रुकने को बोली.
अभी तो बस आधा लंड अन्दर गया था और आधा बाकी था. तभी मुझे अपने लंड में कुछ गीला सा लगा तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाल कर देखा, उसमें खून लगा था.
उसने पूछा- क्या था?
मैंने कहा- कुछ नहीं.
अब मैं अपने लंड को उसकी चूत में धीरे से डालने लगा और अचानक एक जोर के झटके के साथ पूरा लंड अन्दर पेल दिया.
वो दर्द से सिहर उठी और मुझे गले से लगा लिया. उसकी मादकता भरी आवाज ‘और.. पूरा.. आआह.. औरर..’ सुन कर और मेरा जोश बढ़ता जा रहा था.
मैं उसको किस करता, कभी निप्पल चूसता.. तो वो और रोमांचित हो जाती. अब मेरा लंड पूरा अन्दर तक जा रहा था और वो भी अब कमर उठा उठा कर मेरा भरपूर साथ दे रही थी.
उसकी चुत एकदम लाल हो गई थी. मैंने अपने लंड को निकाला और उसकी चूत को चूसने लगा. वो मेरे सर को जोर से अन्दर दबाने लगी.
कुछ देर बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मुझे किस करने लगी. अब वो मेरे लंड को पकड़ कर अपने होंठ से चूसने लगी. फिर धीरे से मेरे लंड को अपने मुँह में भर के चूसने लगी. मुझे तो मानो जन्नत मिल गई हो.
मेरे मुँह से भी आवाजें निकलने लगी थीं. मेरा लंड एकदम कड़क खड़ा था, वो मेरे लंड पर बैठ गई और मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक घुस गया.
गुंजन की सिसकारियां सुन कर तो और भी मज़ा आने लगा ‘चोदद दोओओ राजा.. औरर करो..रोओ.. आह.. पूरा पेलल दोदोओ…’
मैं अपने हाथों से उसके मम्मों को दबाने लगा और उसे जोर से चूसने लगा.
फिर से मैं उसके ऊपर आ गया और मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी. वो एक बार झड़ चुकी थी, अब मेरी बारी थी. मैं पूरी तेज़ी में था और वो मेरा पूरा साथ दे रही थी ‘अअह्ह्ह.. आजाओओ.. फाड़ड दो…’
वो झड़ गई थी, अब मैं भी झड़ने वाला था, मैंने पूरा जोर लगा दिया. वो भी कमर उठा उठा कर साथ दे रही थी कि मेरे लंड से पिचकारी की धार से माल निकल गया, उसकी चुत माल से भर गई.
उसके बाद हम वैसे ही पड़े रहे, कुछ देर बाद उठ कर नहाने चले गए और साथ मिलकर नहाने लगे. मैंने उसे वहां भी एक बार चोदा और फ्रेश होकर हम वहां से वापिस आ गए.
यह सिलसिला 5 साल तक चलता रहा.
आप सभी की मेरे दोस्त की बहन की चुदाई की कहानी कैसी लगी.. मेल जरूर करें.. आपके मेल का इंतजार रहेगा.
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