यौन तृप्ति के लिए गैर मर्द की चाहत- 1

वाइफ हॉट सेक्स कहानी में एक भाभी अपने पड़ोस में रहने वाली नवविवाहिता सहेली के साथ खुल कर सेक्स की बातें करती है। एक रात उसने अपनी सहेली को उसके पति से चुदाई का मजा लेती देखा।

यह कहानी सुनें.

Wife Hot Sex Kahani

मैं राहुल श्रीवास्तव, मुंबई से एक बार फिर मैं आपके सामने हूँ एक नई कहानी के साथ!

जैसा कि आप जानते हैं कि मैं मूल रूप से लखनऊ का रहने वाला हूँ और इस मंच पे काफी कहानियां मेरी प्रकाशित हो चुकी हैं.
मैं अन्य कहानियों के कमैंट्स सेक्शन में भी काफी सक्रिय हूँ.

मेरे पास काफी ईमेल आते हैं कोई कहानी लिखने को कहता है तो कोई अपनी समस्याओं का समाधान चाहता है.
मैं सभी को समुचित जवाब दे कर उनको संतुष्ट करने की कोशिश करता हूँ.

मेरी कहानी ज्यादातर मेरे निजी अनुभव पर आधारित होती है या मेरे प्रशंसकों के द्वारा भेजी हुई होती है.
मैंने अभी तक कोई भी काल्पनिक कहानी नहीं लिखी है.

काफी लोग अपने जीवन के अनुभव ईमेल पर भेजते हैं. जो मुझे इस लायक लगता है कि इसको आप सब से शेयर कर सकते हैं, उसको मैं कहानी के रूप में आप सब के सामने लाता हूँ.

ऐसे ही शिखा नाम की लड़की ने अपना एक अनुभव मुझे ईमेल में भेजा जिसके आधार पर मैं यह वाइफ हॉट सेक्स कहानी आपके साथ शेयर कर रहा हूँ.

थोड़ा बहुत मसाला मैंने अपनी कल्पना के हिसाब से डाला है पर मूल स्वरूप वही है बस उनकी सपाट कहानी को थोड़ा कामुक बनाने की कोशिश की है.
मैं इस वाइफ हॉट सेक्स कहानी की सत्यता का मैं कोई आश्वासन नहीं देता.

यदि आप नए पाठक हैं तो आप मेरे नाम पर क्लिक करके या यहाँ पर मेरी सभी कहानियों को पढ़ सकते हैं.

मेरी पिछली कहानी
मराठी मुलगी चुद गई होटल में
को पसंद करने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद.

कहानी आप शिखा के शब्दों में पढ़िए.

मेरा नाम शिखा है, मैं 25 साल की मांसल बंदन की खूबसूरत शादीशुदा औरत हूँ. औरत के जिन अंगों को मर्द और कमसिन लड़के सबसे ज्यादा देखते हैं, वे चूची और गांड होते हैं.
और दोनों ही मेरी जिस्म की जान हैं, भरी हुई चूचियां और उभरी हुई गांड देख के मनचले सीटी मार देते हैं.

मेरे पति अखिल मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव हैं और काफी समय टूर पर भी रहते हैं पर जितना भी समय हम दोनों साथ रहते हैं, सेक्स, सम्भोग का खुल के मज़ा लेते हैं.

चूंकि हमारा परिवार साथ नहीं रहता तो काफी आज़ादी मिलती है, घर के हर कोने में खुल के चुदाई करते हैं.
शनिवार और रविवार हम दोनों ही कपड़े नहीं पहनते … मतलब नग्न ही घर में रहते हैं.
जब मन चाहा, चुदाई कर कर ली.

हमारी शादी को दो साल हुए हैं और हम दोनों ही चुदाई के मामले में काफी खुले विचारों के हैं.

अक्सर हम लोग दूसरों को इमैजिन करके भी चुदाई करते हैं जैसे दूध वाला, शॉपकीपर, घर की सफाई वाली बाई, पड़ोसी इत्यादि!

या फिर रोल प्ले भी करते हैं या ब्लू फिल्म देख कर वैसा करते हैं.
सेक्सी कहानी भी पढ़ कर भी चुदाई करते हैं.

आप कह सकते है कि हम दोनों विवाहित जीवन की चुदाई का भरपूर मज़ा ले रहे हैं.
यहाँ तक कि मेरे पति मुझे खुल कर सेक्सी हरकतों के लिए उकसाते भी हैं.
पर यह बात हम दोनों तक ही सीमित थी, कभी कुछ बाहर ट्राई नहीं किया जैसे वाइफ स्वैप, थ्रीसम इत्यादि!

हम लोगों को आगरा शिफ्ट हुए एक साल हो चुका था.
मेरे कंपाउंड में दो बंगले थे, एक में हम रहते थे और दूसरे बंगले में, जो बगल में था, एक बिल्कुल ही नवविवाहित जोड़ा रहने आ गया.

उनका नाम सचिन और अलका था.

लड़की मेरी ही उम्र की थी पर मेरे से अधिक भरे बदन की और खूबसूरत थी.
अलका का शरीर 34-28-36 था.

उसका पति सचिनभी काफी मज़बूत और लम्बा चौड़ा मर्द था, हाइट करीब 5 फुट 11 इंच होगी, वज़न करीब 85 किलो और चौड़ा सीना और बालों वाला था, गोरा भी बहुत था.

वैसे मेरे पति भी काफी शक्तिशाली जिस्म के मालिक हैं और चुदाई भी अच्छी करते हैं तो मैं संतुष्ट सी थी.

दरअसल में हम दोनों का मकान मालिक एक ही था, बाहर जाने का गेट भी एक था, बस दोनों मकान के बीच में करीब एक विभाजक दीवार थी जो दोनों मकान को अलग करती थी.
हम सब उस दीवार को फांद कर आसानी से एक दूसरे के घर में जा सकते थे.

सचिन किसी ऑफिस में काम करते थे तो उनके आने जाने का समय बिल्कुल तय था.
अलका काफी छोटे शहर से थी, बला खूबसूरत होने के साथ साथ ही वह काफी सीधी और सरल स्वाभाव की थी.

हम दोनों की जल्दी काफी अच्छी दोस्ती हो गई.
अलका मुझे दीदी और मेरे पति अखिल को जीजाजी कहती थी,.

धीरे धीरे हम दोनों की दोस्ती काफी पक्की हो गई और हम दोनों अपनी सेक्स लाइफ को भी आपस में खुलकर बात करने लगी.

कई बार अलका संकोच कर जाती थी पर वह भी नए परिवेश में ढलने लगी थी.

एक दिन उसने बताया कि अखिल को व्हिस्की पीने की आदत है और नशे में रात को काफी परेशान करते हैं.
यह सुनकर मुझे कुछ उत्सुकता सी हो गई क्योंकि हम दोनों पति पत्नी भी कई बार ड्रिंक कर लेते थे.

तो मैं कहने लगी कि जरा खुल के बताए.

काफी कोशिश के बाद अलका बताने को तैयार हुई.
उसने बताया कि वे लाइट जला के चुदाई करना पसंद करते हैं और उसको बहुत शर्म आती है तो लाइट नहीं जलने देती. वे रात भर नग्न ही रखने की कोशिश करते हैं.

अलका ने आगे बताया- वे मुझको भी व्हिस्की पीने के लिए मज़बूर करते हैं ताकि मैं भी उन्हीं की तरह बेशर्म होकर चुदाई का सुख लूँ, बेशर्म बन जाऊं उनके साथ! पर मुझको तब तक नींद नहीं आती जब तक मैं कपड़े नहीं पहन लूँ. इस बात पे कई बार दोनों में बहस भी हो जाती है. सचिन को लण्ड चूसाने का बहुत शौक है, हर रात उसको लण्ड चूसने को कहते हैं.

तभी अलका ने कहा- मुझको लण्ड चूसने में बहुत उबकाई आती है, मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है.

उसने साथ में यह भी बताया कि सचिन का लण्ड बहुत कड़क और मोटा है और देर तक चुदाई करता है. उसका स्खलन बहुत देर तक नहीं होता. चुदाई के दौरान अलका कई बार झड़ कर थक सी जाती है. मोटाई की वजह से उसको चुदाई वक़्त काफी दर्द होता है और मज़ा भी कम आता है.

अलका ने बताया- सचिन मेरी बुर बिल्कुल नहीं चूसते. पर मेरा दिल करता है कि ये मेरी बुर को खूब चूसें.

जबकि मेरे साथ बिल्कुल उल्टा था, अखिल को लण्ड चुसाने से ज्यादा बुर चूसने में मज़ा आता था.
मुझे जब लिटा कर मेरी टांगों को फैला कर ये मेरी चूत में अपनी जुबान फिराते और फिर फांकों को अपने होंठों में दबा कर चूसते तो मैं एकदम से गर्म हो जाती हूँ, मेरा जिस्म गनगना कर लण्ड मांगने लगता है.

मैंने अलका को बोला- वैसे तो अखिल का लण्ड भी काफी कड़क और लम्बा है पर मोटा ज्यादा नहीं है. उनको लण्ड चूसाने की जगह चूत चाटने में ज्यादा मज़ा आता है. अखिल जब मेरे टांगों को खोल कर अपनी मोटी जीभ से मेरी चूत की फांकों को चूसते हैं तो मेरा बदन गर्म होकर चुदाई के लिए मचल उठता है.

उसको मैंने बताया- अखिल काफी देर तक मेरी चूत चूसते हैं और चूत से निकले रस को पूरा चाट जाते हैं.

अलका का चेहरा ये सब सुन कर लाल सा हो गया.
मुझे समझ में आ रहा था कि उसकी चूत में खलबली मच चुकी है.

ये सब जान कर उसने कहा- शिखा, तू कितनी खुशकिस्मत है कि तेरा पति रोज़ तेरी चूत चूसता है. पर सचिन की नज़र में तो चूत सिर्फ लण्ड घुसड़ने के काम आती है.

तब मैं उसको बाँहों में भर कर बोली- तू निराश क्यों हो रही है मेरी जान! अगर तेरी इच्छा हो तो बोल, तेरे जीजू से तेरी चूत भी चुसवा दूंगी. आराम से दो तीन घंटे चुसवा लेना!
अलका बोली- धत दीदी, आप भी ना कुछ भी बोल देती हो!

मैंने कहा- अरे, इसमें धत क्या है … तेरे चूसने से या उनके चूसने क्या बदल जायेगा? पति तो फिर भी मेरा ही रहेगा ना!

मेरा दिल कर रहा था कि सचिन के आगे नंगी बैठ कर मुँह खोल ड़ूं और बोलूं- ला तेरा लण्ड चूस दूँ मेरे राजा!
पर ये सब अलका के रहते बिल्कुल ये सम्भव नहीं था.
ये सब तभी सम्भव था जब अलका वहां ना हो.
तभी मैं सचिन को पटा सकती थी लण्ड चूसने के लिए!

पर मैं पति को धोखा नहीं देना चाहती थी.
तो एक ही रास्ता था कि मैं अखिल से अलका को चुदवा दूँ तो मुझे सचिन से चुदने के लिए मना नहीं करेगा.

पर कैसे? कब?

जब से मुझे पता चला कि सचिन का लण्ड कड़क लम्बा और मोटा भी है और देर तक चुदाई करता है, तब से ना जाने क्यों मेरी चूत में खलबली सी मच गई थी.
तब से ही मैं सचिन के लण्ड को देखने के लिए उतावली हो रही थी.
मैं इसी उधेड़बुन में थी.

एक दिन उन दोनों ने अपनी शादी के 6 मास पूरे होने में की ख़ुशी को सेलिब्रेट करने का सोचा.
अलका ने बताया कि सचिन विदेशी शराब लेकर आया है और उसने कहा है कि पूरी रात वह लाइट जला के चुदाई करेगा और उसको भी शराब पिलायेगा.
पर अलका तैयार नहीं थी, वो परेशान सी थी.

तो मैंने उसको समझाया- पति की ख़ुशी में हम सब की ख़ुशी है. उसको चुदाई में खुश करना हम सब का फ़र्ज़ है. तुम्हें वो सब करना चाहिए जो सचिन चाहे!

काफी समझाने के बाद अलका भी वो सब करने को तैयार हो गई जो सचिन चाहता था.

तो मैं उसको पार्लर ले गई और अच्छे से तैयार कराया और रात का डिनर भी बाहर से मंगवा दिया.

अब तो वह बोल रही थी- दीदी, आज मैं भी स्काच पीऊँगी और खुल के चुदूँगी और उनका लण्ड भी चूसूंगी!

पर मेरे दिलोदिमाग में तो अलग ही बात घूम रही थी कि कैसे करके इन दोनों की चुदाई कैसे देखी जाए क्योंकि उस दिन से ही मेरी तीव्र इच्छा थी कि कैसे भी सचिन का लण्ड देखना है. मुझे उसकी बातों से लगा कि आज मेरी इच्छा पूरी हो सकती है. इससे अच्छा मौका फिर नहीं मिलेगा.

पर यह बात मैं अपने तक ही रखना चाहती थी.
मैंने अपने शातिर दिमाग को दौड़ाना चालू कर दिया.

हम दोनों पार्लर से आकर जब उसके बैडरूम में थी तो मैंने देखा कि एक खिड़की पर कोई पर्दा नहीं था पर शीशे पर काले रंग का मोटा कागज़ चिपका था.
साथ ही वह खिड़की पीछे गैलेरी में खुलती थी जहाँ तकरीबन अँधेरा ही रहता था.

मेरे दिमाग ने कहा कि शायद मैं यहाँ से उन दोनों की लाइव चुदाई देख सकती हूँ और इन दोनों को पता भी नहीं चलेगा.
तो मैंने उसकी सिटकनी नीचे करके हल्का सा खोल दिया और फिर मैं घर आ गई.

करीब 6 बजे मैंने देखा कि सचिन भी आ गया है.

तभी दोनों कहीं घूमने चले गए. फिर रात 9 बजे दोनों लौटे.
दोनों काफी खुश दिख रहे थे.

इधर अखिल के बॉस आये थे तो मुझे पता था कि वे करीब आधी रात तक घर आएंगे. तो मैं कम से कम एक राउंड चुदाई तो देख ही सकती हूँ.
और जब अखिल घर आएंगे तो उनसे अपनी चुदाई भी करवा लूंगी.

करीब 10 बजे उसके बैडरूम की लाइट छोड़ कर सारे घर की लाइट बंद हो गई.
तो मैं समझ गई कि वे दोनों अब चुदाई की तैयारी में होंगे.

फिर भी मैंने थोड़ा और इंतज़ार किया और एक काले रंग का टीशर्ट और एक काला लोअर पहन लिया जिससे अंधेर में कोई देख न सके.
और मैं उसी खिड़की के पास आकर खड़ी हो गई.

अंदर खूब उजाला था और बाहर बिल्कुल अँधेरा!

मैंने देखा कि दोनों का चुदाई प्रोग्राम शुरू हो गया था.

अलका तो पार्लर से तैयार हो कर ही आई थी और काफी सुंदर दिख रही थी.
पर उसकी साड़ी और ब्लाउज़ उतर चुका था लाल लेस वाली ब्रा और लाल पेटीकोट उसके गोरे जिस्म पर अच्छा लग रहा था.

सचिन वी शेप की अंडरवियर में था और आगे से उसमें उसके कड़क लण्ड का उभार अच्छे से दिख रहा था.
बालों से भरी उसकी चौड़ी छाती और बाँहों के मस्सल अलग से चमक रहे थे.

कमरे में भरपूर उजाला था और मैं अँधेरे में खिड़की से थोड़ा दूर खड़ी थी, खिड़की की दरार से सब कुछ साफ दिखाई और उनकी बातचीत भी हल्की हल्की सुनाई दे रही थी.

सचिन ने अपनी पत्नी को अपनी गोद में बैठा लिया और उसके होंठ चूसने लगा.
इधर अलका भी वासना में डूब के उससे चिपक गई, वह भी सचिन का साथ देने लगी.

काफी देर तक सचिन उसको किस करता रहा, कभी होंठ तो कभी कान तो कभी गर्दन!
अलका हर किस पर मचल जाती उसकी मुँह से सिसकारी निकलती- अह्ह्ह उफ्फ!

फिर सचिन ने हाथ पीछे ले जा कर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.
ब्रा को निकल कर एक तरफ फेंक दिया.

अलका की भरी भरी चूचियां एकदम से बाहर आ गई.
सचिन के हाथ चूचियों को मसलने लगे.

अलका- उफ सचिन, धीरे से दबाओ. दर्द होता है … आअह ह्ह्ह उईई इईई अह्ह आह्हह ऊईई स्सीईई अआ ईईइ उईई!
काफी देर तक सचिन किस करता रहा और चूचियों को मसलता रहा.

इधर मेरे दिल में सचिन का लण्ड देखने की तड़प बढ़ती ही जा रही थी. मुझे अलका पर गुस्सा भी आ रहा था कि वह सचिन को नग्न क्यों नहीं कर रही है.

इस बीच सचिन ने पेटीकोट भी निकाल के फेंक दिया.

अलका उसकी बाँहों में मचल रही थी, उसके पैर भी मचल रहे थे.
उसके हाथ अब सचिन के लण्ड को जॉकी के साथ ही सहलाने लगे, मसलने लगे.

दोनों ही कामातुर थे.

तभी उसने अलका की पैंटी उतार कर उसकी चूत में उंगली डाल दी.
तो अलका चिहुंक सी गई- उफ फ्फ़ आह्ह हह्ह्ह माँ आईई आआ आहह आईईइ म्म्म!

सचिन और तेजी से उंगली को अंदर बाहर करने लगा.

अलका की बेचैनी बढ़ती जा रही थी, उसका जिस्म मचल रहा था. उसके हाथ चादर को जोर से जकड़ रहे थे.

तभी सचिन ने दूसरी उंगली भी उसकी चूत में डाल दी.
अलका- अआआ … ह्ह्हह … अ..अ … ओय … दर्द हो रहा है … धीरे … कर … ना … अआआ … ह्ह्हह … अब बस कर … अआआ … ह्ह्हह … सचिन … अआआ आआ..ह्ह

तभी अलका एक तेज चीख के साथ थोड़ी ऊपर उठी और धड़ाम से बिस्तर पर गिर कर लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी.
उसका हाल देख कर सचिन रूक गया और चूत से उंगली निकाल ली.

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वाइफ हॉट सेक्स कहानी का अगला भाग: यौन तृप्ति के लिए गैर मर्द की चाहत- 2

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